Saturday, 1 May 2021

मौत का परिचय

 ऐ  मौत ! क्यों अपने सत्य पर कलंक बन कर आई है तू 

ऐ मौत ! क्यों अपने ही अर्थ की विपरीत बन कर आई है तू 


माना तुझसे मिलना मेरी एक सच्चाई है 

क्या तेरे मेरे मिलन की यही परछाई है 

खिल जाएँगे कुछ फूल तो तेरा क्या बिगड़ जायेगा 

क्यों हर आँगन के फूल इन्हीं पल तोड़ने आयी है तू 


 ऐ  मौत ! क्यों अपने सत्य पर कलंक बन कर आई है तू 

क्यों अपने ही अर्थ की विपरीत बन कर आई है तू 


सृष्टि के रचयिता ने तुझे ऐसा नहीं बनाया था 

ये किसका मुखौटा और क्यों पहन आयी है तू 

तू मौत है ! तेरा आलंगन ही जीवन की परिपूर्णता थी 

क्यों अपने ही अस्तित्व को भूल आई है तू 


 ऐ  मौत ! क्यों अपने सत्य पर कलंक बन कर आई है तू 

क्यों अपने ही अर्थ की विपरीत बन कर आई है तू 


उतार फेंक यह घमंड का चेहरा जो तेरा नहीं है 

 ऐ  मौत ! याद रख ज़िन्दगी हूँ मैं !

मुझे बाँधने की तेरी औक़ात नहीं है 

यह नाकाम कोशिश व्यर्थ ही करने आई है तू 


 ऐ  मौत ! क्यों अपने सत्य पर कलंक बन कर आई है तू 

ऐ मौत ! क्यों अपने ही अर्थ की विपरीत बन कर आई है तू 


                                                                -- प्रियाशी 


Friday, 25 September 2020

ख़फ़ा हो गए

यूँ तो कहते रहे सब कुछ लुटा सकता हूँ मैं तुम पर 

जरा सा हक़ मांग लिया मैंने तुम पर तो ख़फ़ा हो गए 


ख्वाहिशें मुक्कमल करने की बात करते थे तुम 

जरा सा वक़्त माँग लिया मैंने तुम्हारा तो खफ़ा हो गए 


रूह की रूह से मिलन की बात करते थे तुम 

दिल में थोड़ी सी जगह मांग ली मैंने तो खफ़ा हो गए 


ता उम्र ना थमने वाली बातें थी हमारी 

चंद सवाल पूछ लिए मैंने तो खफ़ा हो गए 


क्या ही बात करूँ मैं अपने दिल की तुमसे 

के आज मुझसे मेरे अलफ़ाज़ खफ़ा हो गए 


सबब इश्क़ का यूँ सिखाया तुमने 

के मुझसे मेरे एहसास खफ़ा हो गए 


                                     -- प्रियाशी 



Wednesday, 22 July 2020

Gratitude

M: Is this you Guddi?

G: Oh! Yes, Its me.

M: Ah! my Guddi has grown up now. I saw you last 10 years before.

G: Yeah, I am sorry for not coming to you before. I was busy in my studies and then work.

M: Just look at you, how the reflections had been changed? My Guddi is a beautiful girl.

G: Is that true? Am I really a beautiful girl?

M: Oh yes, Certainly!

G:  I heard, you always speaks truth, then why this lie to me? Can't u see my scars which are just made as irreplaceable? Are you blind?

M: Dear Guddi, if I say something, will you do?

G:  What?

M: Stand with me everyday.

G: Shall I become "Beautiful" then ?

M: No, With me, you will get the ability to see yourself the way I do.
      Reflection changes but I always know who you are. I am the "Mirror" and I don't Lie.

G: I look good when I smile, Isn't it ?

M: Oh Yes, Affirmative.

G:  Thank You.

M: Keep visit often and don't forget, I do admire beautiful faces :D

                                                                                                            -  Priyashi

Saturday, 17 December 2016

ज़िन्दगी

कौन हूँ मैं ? अजनबी बन
मेरी तलाश ना कर
मुझे ढूंढने में यूँ तू
वक़्त जाया ना कर

मैं.. . . . . .
बदसूरत भी हूँ और ख़ूबसूरत भी
ख़ामोश भी हूँ और आवाज़ भी
चोट भी हूँ और मरहम भी
थकन भी हूँ और आराम भी

विपरीत हूँ तो पर्याय भी
भयभीत हूँ तो निर्भय भी
चंचल हूँ तो ठहराव भी
धुप हूँ तो छाँव भी

मैं.. . . . . .
श्वेत भी हूँ और श्याम भी
इंद्रधनुषी भी हूँ और बदरंग भी
नाज़ुक भी हूँ और कठोर भी
मासूम भी हूँ और क्रूर भी

भवर हूँ तो साहिल भी
परिश्रम हूँ तो फल भी
तप हूँ तो मन्नत भी
पतझड़ हूँ तो बसंत भी

पहचानो मुझे मेरे दोस्त
ये सब मेरे ही रंग रूप है
ठुकराओ ना यूँ मुझे
तुम्हे मेरी जरुरत है

मिलने आई हूँ मैं तुमसे
थोड़ा वक़्त तुम भी निकाल लो
थोड़ा मुस्कुरा लो थोड़ा गुदगुदा लो
कुछ सपने फिर सजा लो
मुझे मेरे नाम से फिर पुकार लो

मैं हूँ ज़िन्दगी !

                                              -- प्रियाशी